16 अगस्त 2010

कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ

प्रकृति बदलती छण-छण देखो,
बदल रहे अणु, कण-कण देखो|
तुम निष्क्रिय से पड़े हुए हो |
भाग्य वाद पर अड़े हुए हो|

छोड़ो मित्र ! पुरानी डफली,
जीवन में परिवर्तन लाओ |
परंपरा से ऊंचे उठ कर,
कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ |

जब तक घर मे धन संपति हो,
बने रहो प्रिय आज्ञाकारी |
पढो, लिखो, शादी करवा लो ,
फिर मानो यह बात हमारी |

माता पिता से काट कनेक्शन,
अपना दड़बा अलग बसाओ |
कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ |

करो प्रार्थना, हे प्रभु हमको,
पैसे की है सख़्त ज़रूरत |
अर्थ समस्या हल हो जाए,
शीघ्र निकालो ऐसी सूरत |

हिन्दी के हिमायती बन कर,
संस्थाओं से नेह जोड़िये |
किंतु आपसी बातचीत में,
अंग्रेजी की टांग तोड़िये |

इसे प्रयोगवाद कहते हैं,
समझो गहराई में जाओ |
कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ |

कवि बनने की इच्छा हो तो,
यह भी कला बहुत मामूली |
नुस्खा बतलाता हूँ, लिख लो,
कविता क्या है, गाजर मूली |

कोश खोल कर रख लो आगे,
क्लिष्ट शब्द उसमें से चुन लो|
उन शब्दों का जाल बिछा कर,
चाहो जैसी कविता बुन लो |

श्रोता जिसका अर्थ समझ लें,
वह तो तुकबंदी है भाई |
जिसे स्वयं कवि समझ न पाए,
वह कविता है सबसे हाई |

इसी युक्ती से बनो महाकवि,
उसे "नई कविता" बतलाओ |
कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ |

चलते चलते मेन रोड पर,
फिल्मी गाने गा सकते हो |
चौराहे पर खड़े खड़े तुम,
चाट पकोड़ी खा सकते हो |

बड़े चलो उन्नति के पथ पर,
रोक सके किस का बल बूता?
यों प्रसिद्ध हो जाओ जैसे,
भारत में बाटा का जूता |

नई सभ्यता, नई संस्कृति,
के नित चमत्कार दिखलाओ |
कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ |

पिकनिक का जब मूड बने तो,
ताजमहल पर जा सकते हो |
शरद-पूर्णिमा दिखलाने को,
'उन्हें' साथ ले जा सकते हो |

वे देखें जिस समय चंद्रमा,
तब तुम निरखो सुघर चाँदनी |
फिर दोनों मिल कर के गाओ,
मधुर स्वरों में मधुर रागिनी |
( तू मेरा चाँद मैं तेरी चाँदनी ..)

आलू छोला, कोका-कोला,
'उनका' भोग लगा कर पाओ |
कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ|

--- काका हाथरसी

चार कौए उर्फ़ चार हौए

बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले ,
उन्होंने यह तय किया कि सारे उडने वाले
उनके ढंग से उडे,रुकें , खायें और गायें
वे जिसको त्यौहार कहें सब उसे मनाएं

कभी कभी जादू हो जाता दुनिया में
दुनिया भर के गुण दिखते हैं औगुनिया में
ये औगुनिए चार बडे सरताज हो गये
इनके नौकर चील, गरुड और बाज हो गये.

हंस मोर चातक गौरैये किस गिनती में
हाथ बांध कर खडे हो गये सब विनती में
हुक्म हुआ , चातक पंछी रट नहीं लगायें
पिऊ – पिऊ को छोडें कौए – कौए गायें

बीस तरह के काम दे दिए गौरैयों को
खाना – पीना मौज उडाना छुट्भैयों को
कौओं की ऐसी बन आयी पांचों घी में
बडे – बडे मनसूबे आए उनके जी में

उडने तक के नियम बदल कर ऐसे ढाले
उडने वाले सिर्फ़ रह गए बैठे ठाले
आगे क्या कुछ हुआ सुनाना बहुत कठिन है
यह दिन कवि का नहीं , चार कौओं का दिन है

उत्सुकता जग जाए तो मेरे घर आ जाना
लंबा किस्सा थोडे में किस तरह सुनाना ?

--- भवानी प्रसाद मिश्र .

Credo

I would rather be ashes than dust

I would rather that my spark should burn out in a brilliant blaze than it should be stifled by dry-rot.

I would rather be a superb meteor, every atom of me in magnificent glow, than a sleepy and permanent planet.

The function of man is to live, not to exist.

I shall not waste my days trying to prolong them.

I shall use my time.

--- Jack London

9 अगस्त 2010

Gondola no Uta (The Gondola Song)

Life is brief.
fall in love, maidens
before the crimson bloom
fades from your lips
before the tides of passion
cool within you,
for those of you
who know no tomorrow

life is brief
fall in love, maidens
before his hands
take up his boat
before the flush of his cheeks fades
for those of you
who will never return here

life is brief
fall in love, maidens
before the boat drifts away
on the waves
before the hand resting on your shoulder
becomes frail
for those who will never
be seen here again

life is brief
fall in love, maidens
before the raven tresses begin to fade
before the flame in your hearts
flicker and die
for those to whom today
will never return.

---Lyrics were written by Isamu Yoshii, melody by Shinpei Nakayama.
It was used as a theme song in Akira Kurosawa's 1952 film Ikiru.

7 अगस्त 2010

शिकस्त

बारहा मुझसे कहा दिल ने कि ऐ शोब्दागर
तू कि अल्फ़ाज़ से अस्नामगरी करता है
कभी उस हुस्ने-दिलआरा की भी तस्वीर बना
जो तेरी सोच के ख़ाक़ों में लहू भरता है

बारहा दिल ने ये आवाज़ सुनी और चाहा
मान लूँ मुझसे जो विज्दान मेरा कहता है
लेकिन इस इज्ज़ से हारा मेरे फ़न का जादू
चाँद को चाँद से बढ़कर कोई क्या कहता है

--- अहमद फ़राज़

कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलो

कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलो
बहुत बड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चालो

तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है
मैं जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो

नशे में चूर हूँ मैं भी तुम्हें भी होश नहीं
बड़ा मज़ा हो अगर थोड़ी दूर साथ चलो

ये एक शब की मुलाक़ात भी ग़नीमत है
किसे है कल की ख़बर थोड़ी दूर साथ चलो

अभी तो जाग रहे हैं चिराग़ राहों के
अभी है दूर सहर थोड़ी दूर साथ चलो

तवाफ़-ए-मन्ज़िल-ए-जानाँ हमें भी करना है
"फ़राज़" तुम भी अगर थोड़ी दूर साथ चलो

------ अहमद फ़राज़

6 अगस्त 2010

I Know Tears

When your heart is
shaken about with tears...
What sould I be doing to help you out?
Even looking up at the sky...
My heart hurts as much as yours.

Something that you
don't have to get hurt over...
Everyone accidentally feels...
Just like the times
when you're surprised...
...by how cold the water really is.

Now, just being here right next to you...
It's all that I can do, and nothing else...
All the smiles that I can
make just for you, anytime...
...I'll embrace and send to
you, whenever you need it.

You can blieve it,
dreams will someday be reality...
Just for you and only for you...
It is okay to cry, because
deep inside that heart of yours...
...every piece of
sadness turns to wings...
...for you to fly.

--- Taken from the Original Translation of closing song of animation series Rurouni Kenshin.