'दुख-सुख तो
आते-जाते रहेंगे
सब कुछ पार्थिव है यहाँ
लेकिन मुलाक़ातें नहीं हैं
पार्थिव
इनकी ताज़गी
रहेगी यहाँ
हवा में!
इनसे बनती हैं नई जगहें
एक बार और मिलने के बाद भी
एक बार और मिलने की इच्छा
पृथ्वी पर कभी ख़त्म नहीं होगी'
2 अक्टूबर 2022
25 सितंबर 2022
Traveling through the Dark
Traveling through the dark I found a deer
dead on the edge of the Wilson River road.
It is usually best to roll them into the canyon:
that road is narrow; to swerve might make more dead.
By glow of the tail-light I stumbled back of the car
and stood by the heap, a doe, a recent killing;
she had stiffened already, almost cold.
I dragged her off; she was large in the belly.
My fingers touching her side brought me the reason—
her side was warm; her fawn lay there waiting,
alive, still, never to be born.
Beside that mountain road I hesitated.
The car aimed ahead its lowered parking lights;
under the hood purred the steady engine.
I stood in the glare of the warm exhaust turning red;
around our group I could hear the wilderness listen.
I thought hard for us all—my only swerving—,
then pushed her over the edge into the river.
--- William Stafford
dead on the edge of the Wilson River road.
It is usually best to roll them into the canyon:
that road is narrow; to swerve might make more dead.
By glow of the tail-light I stumbled back of the car
and stood by the heap, a doe, a recent killing;
she had stiffened already, almost cold.
I dragged her off; she was large in the belly.
My fingers touching her side brought me the reason—
her side was warm; her fawn lay there waiting,
alive, still, never to be born.
Beside that mountain road I hesitated.
The car aimed ahead its lowered parking lights;
under the hood purred the steady engine.
I stood in the glare of the warm exhaust turning red;
around our group I could hear the wilderness listen.
I thought hard for us all—my only swerving—,
then pushed her over the edge into the river.
--- William Stafford
20 सितंबर 2022
ईश्वर अब अधिक है
ईश्वर अब अधिक है
सर्वत्र अधिक है
निराकार साकार अधिक
हरेक आदमी के पास बहुत अधिक है।
बहुत बँटने के बाद
बचा हुआ बहुत है।
अलग-अलग लोगों के पास
अलग-अलग अधिक बाक़ी है।
इस अधिकता में
मैं अपने ख़ाली झोले को
और ख़ाली करने के लिए
भय से झटकारता हूँ
जैसे कुछ निराकार झर जाता है।
सर्वत्र अधिक है
निराकार साकार अधिक
हरेक आदमी के पास बहुत अधिक है।
बहुत बँटने के बाद
बचा हुआ बहुत है।
अलग-अलग लोगों के पास
अलग-अलग अधिक बाक़ी है।
इस अधिकता में
मैं अपने ख़ाली झोले को
और ख़ाली करने के लिए
भय से झटकारता हूँ
जैसे कुछ निराकार झर जाता है।
15 सितंबर 2022
Sindabad Jahaji Title Song
डोले रे, डोले डोले डोले रे
अगर मगर डोले नैय्या, भंवर भंवर जाये रे पानी
पानी की तह में खज़ाना छुपाके ,
दिन रात चक्कर लगती हैं चीलें
---ग़ुलज़ार
अगर मगर डोले नैय्या, भंवर भंवर जाये रे पानी
अगर मगर डोले नैय्या, भंवर भंवर जाये रे पानी
नीला समुंदर है आकाश प्याजी,
डूबे न डूबे ओ मेरा जहाजी ओ मेरा जहाजी
डूबे न डूबे ओ मेरा जहाजी
डोले रे, डोले डोले डोले रे
डोले रे, डोले डोले डोले रे
डोले रे, डोले डोले डोले रे
पानी की तह में खज़ाना छुपाके ,
नीला समुंदर है गोता लगाके
पानी की तह में खज़ाना छुपाके ,
नीला समुंदर है गोता लगाके
शबनम के हीरे हैं, हीरे के झूलेदिन रात चक्कर लगती हैं चीलें
लहर लहर चलती कहानी
अगर मगर डोले नैय्या, भंवर भंवर जाये रे पानी
डोले रे, डोले डोले डोले रे
अगर मगर डोले नैय्या, भंवर भंवर जाये रे पानी
डोले रे, डोले डोले डोले रे
---ग़ुलज़ार
14 सितंबर 2022
September
Then the flowers became very wild
because it was early September
and they had nothing to lose
they tossed their colors every
which way over the garden wall
splattering the lawn shoving their
wild orange red rain-disheveled faces
into my window without shame
--- Grace Paley, from Begin Again: Collected Poems (Farrar, Straus & Giroux, 2001)
and they had nothing to lose
they tossed their colors every
which way over the garden wall
splattering the lawn shoving their
wild orange red rain-disheveled faces
into my window without shame
--- Grace Paley, from Begin Again: Collected Poems (Farrar, Straus & Giroux, 2001)
10 सितंबर 2022
As much as you can
And if you can't shape your life the way you want,
at least try as much as you can
not to degrade it
by too much contact with the world,
by too much activity and talk.
Try not to degrade it by dragging it along,
taking it around and exposing it so often
to the daily silliness
of social events and parties,
until it comes to seem a boring hanger-on.
--- Constantine P. Cavafy
at least try as much as you can
not to degrade it
by too much contact with the world,
by too much activity and talk.
Try not to degrade it by dragging it along,
taking it around and exposing it so often
to the daily silliness
of social events and parties,
until it comes to seem a boring hanger-on.
--- Constantine P. Cavafy
5 सितंबर 2022
रिसर्च स्कॉलरों का गीत
खेतिहर रिसर्चर
गोभी के सब फूल कट गए
भिंडी और बैंगन बोना है
आमों के मौसम में अबकी
फिर मचान पर सोना है
थीसिस लिखनी थी कॉर्बन पर, गाइड गया जापान
केमिस्ट्री का रिसर्च स्कॉलर, हलक़ में अटके प्राण
कुक रिसर्चर
एक टीन गुझिया बनवाया
तीज हो गया पार
जितिया पर अब फेना घोलो
कैसा अत्याचार
हिस्ट्री में पीएच.डी. ब्याह आई.ए.एस. से करना था
गाइड के कीचन में देखा ये सुंदर सपना था
छोटे शहर का रिसर्चर
तीन बजे भोर से लगा है लाइन में
आठ बजे तत्काल कहाँ
फ़िज़िक्स के रिसर्चर की
कहाँ, है मुक्ति कहाँ?
गाइड का दामाद आ गया, टीसन से लाना है
बेटी का भी इस असाढ़ में गौना करवाना है
जुगाड़ू रिसर्चर
मेरिट का भंडार पड़ा है
माल रहे भरपूर
पचास हज़ार में थीसिस लिखाओ
माथा रक्खो कूल
राहर ख़ूब हुआ अबकी सोयाबीन भी लगवाएँगे
ए जी, याद दिलाना कॉलेज तनखा लाने जाएँगे
धोखा खाया हुआ रिसर्चर
चार साल तक झोला ढोए
गाइड निकला धोखेबाज़
हमसे पॉलीटिक्स कराके
अपना किया विभाग पर राज
नहीं परमानेंट चलो एडहॉक सेट हो लेंगे
वरना उस चूतिये के नाम पर ब्लाउज़ पीस बेचेंगे
कॉमरेड रिसर्चर
कम्युनिस्ट समझ कर इसके अंडर में आया था
साला संघी निकला सबको धोखे में डाला था
नवरात्रि का व्रत, माथे पर तारापीठ की भस्म
विचारधारा का प्रश्न है साथी, अब पीएच.डी. बंद
शोषित रिसर्चर
एम.ए. से ही नंबर देता, स्माइल पास करता था
पीएच.डी. में आकर जाना क्यों इतना मरता था
डिग्री के चक्कर में चुप हूँ, मुफ़्त एक बदनामी
रिटायरमेंट के समय गाइड को चढ़ गई नई जवानी
बच्चे हैं यू.एस. में इसके, बीवी है गांधारी
रेप केस की धमकी इसको दे-देकर मैं हारी
गाइड-प्रेमी रिसर्चर
धंय-धंय मेरे गाइड का फिर से हुआ प्रोमोशन
किंगफ़िशर घटिया है अबकी फ़्रेंच वाइन देंगे हम
सर ने बोला सोमवार सो इंटरव्यू देना है
टॉप सीक्रेट मित्र यहाँ पर मेरा ही होना है
सर ख़ुद हैं पैनल में प्रिंसिपल से कर ली है सेटिंग
देखें कैसे रोड़ा अटकाती है सेकिंड डिविज़िन
भाग्यहीन रिसर्चर
पहला गाइड कामधेनु था पर हो गया सस्पेंड
दूजे ने फिर दुनिया छोड़ी, हुआ था एक्सीडेंट
अब तो बंजर धरती जैसी गाइड संग रोना है
हाय शनि महाराज मेरे साथ और क्या होना है
कॉलेज की उम्मीद नहीं अब बी.एड. करना होगा
नई कविता के ज्ञाता को कारक रटना होगा
--- शुभम श्री
बाबा नागार्जुन की 'पुरानी जूतियों का कोरस' से प्रेरित होकर
गोभी के सब फूल कट गए
भिंडी और बैंगन बोना है
आमों के मौसम में अबकी
फिर मचान पर सोना है
थीसिस लिखनी थी कॉर्बन पर, गाइड गया जापान
केमिस्ट्री का रिसर्च स्कॉलर, हलक़ में अटके प्राण
कुक रिसर्चर
एक टीन गुझिया बनवाया
तीज हो गया पार
जितिया पर अब फेना घोलो
कैसा अत्याचार
हिस्ट्री में पीएच.डी. ब्याह आई.ए.एस. से करना था
गाइड के कीचन में देखा ये सुंदर सपना था
छोटे शहर का रिसर्चर
तीन बजे भोर से लगा है लाइन में
आठ बजे तत्काल कहाँ
फ़िज़िक्स के रिसर्चर की
कहाँ, है मुक्ति कहाँ?
गाइड का दामाद आ गया, टीसन से लाना है
बेटी का भी इस असाढ़ में गौना करवाना है
जुगाड़ू रिसर्चर
मेरिट का भंडार पड़ा है
माल रहे भरपूर
पचास हज़ार में थीसिस लिखाओ
माथा रक्खो कूल
राहर ख़ूब हुआ अबकी सोयाबीन भी लगवाएँगे
ए जी, याद दिलाना कॉलेज तनखा लाने जाएँगे
धोखा खाया हुआ रिसर्चर
चार साल तक झोला ढोए
गाइड निकला धोखेबाज़
हमसे पॉलीटिक्स कराके
अपना किया विभाग पर राज
नहीं परमानेंट चलो एडहॉक सेट हो लेंगे
वरना उस चूतिये के नाम पर ब्लाउज़ पीस बेचेंगे
कॉमरेड रिसर्चर
कम्युनिस्ट समझ कर इसके अंडर में आया था
साला संघी निकला सबको धोखे में डाला था
नवरात्रि का व्रत, माथे पर तारापीठ की भस्म
विचारधारा का प्रश्न है साथी, अब पीएच.डी. बंद
शोषित रिसर्चर
एम.ए. से ही नंबर देता, स्माइल पास करता था
पीएच.डी. में आकर जाना क्यों इतना मरता था
डिग्री के चक्कर में चुप हूँ, मुफ़्त एक बदनामी
रिटायरमेंट के समय गाइड को चढ़ गई नई जवानी
बच्चे हैं यू.एस. में इसके, बीवी है गांधारी
रेप केस की धमकी इसको दे-देकर मैं हारी
गाइड-प्रेमी रिसर्चर
धंय-धंय मेरे गाइड का फिर से हुआ प्रोमोशन
किंगफ़िशर घटिया है अबकी फ़्रेंच वाइन देंगे हम
सर ने बोला सोमवार सो इंटरव्यू देना है
टॉप सीक्रेट मित्र यहाँ पर मेरा ही होना है
सर ख़ुद हैं पैनल में प्रिंसिपल से कर ली है सेटिंग
देखें कैसे रोड़ा अटकाती है सेकिंड डिविज़िन
भाग्यहीन रिसर्चर
पहला गाइड कामधेनु था पर हो गया सस्पेंड
दूजे ने फिर दुनिया छोड़ी, हुआ था एक्सीडेंट
अब तो बंजर धरती जैसी गाइड संग रोना है
हाय शनि महाराज मेरे साथ और क्या होना है
कॉलेज की उम्मीद नहीं अब बी.एड. करना होगा
नई कविता के ज्ञाता को कारक रटना होगा
--- शुभम श्री
बाबा नागार्जुन की 'पुरानी जूतियों का कोरस' से प्रेरित होकर
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