मुह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन?
आवाजों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन?
मुह की बात..
सदियों-सदियों वही तमाशा, रास्ता रास्ता लम्बी खोज.
लेकिन जब हम मिल जाते है, खो जाता है जाने कौन!!
वो मेरा आइना है और मैं उसकी परछाई हूँ
मेरे ही घर में रहता है, मुझ जैसा ही जाने कौन
किरण किरण अलसता सूरज, पलक पलक खुलती नींदे
धीरे धीरे बिखर रहा है, जर्रा जर्रा जाने कौन?
This song “Muhn Ki baat sune har koi” by Jagjit Singh from the serial “Neem Ka Ped” that was telecasted on Doordarshan few years back. One of the most priced composition of Nida Fazli.
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