March 13, 2018

शब्द

मेरे शब्द जब गेहूँ थे
मैं था धरती.
मेरे शब्द जब रोष थे
मैं था तूफ़ान.
मेरे शब्द जब चट्टान थे
मैं था नदी.
जब मेरे शब्द बन गए शहद
मक्खियों ने मेरे होंठ ढँक लिए.

---महमूद दरवेश
अंग्रेज़ी से हिन्दी अनुवाद - अपूर्वानंद

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