औरतें हैं हम 
खाना नहीं हैं 
मेज़ पर धरा हुआ 
छिलो, हड्डियाँ निकालो 
भर लो अपना पेट 
कूड़ा नहीं है कूड़ेदान में समा जाने के लिए
औरतें हैं हम 
गुड़ियाँ नहीं
जिनसे खेलो, उतार दो कपड़े
तैयार करो, क़ैद करो 
एक पालने में और सजा दो 
एक शेल्फ पर
औरतें हैं हम 
ज़मीन नहीं हैं जिसे खोदोगे ताम्बे 
रत्न और स्वर्ण के लिए
उगाओ और परती छोड़ दो 
फसल के बाद
गीली मिट्टी सा उसे 
रौंदो या बना दो
एक गोद कंकालों के लिए
औरतें हैं हम 
मनुष्य भी 
रोबोट या चिथड़े नहीं 
न ही बर्तन न शौचालय 
सपना नहीं हैं जिसका मन नहीं कोई 
तसवीर नहीं हैं भागो तुम जिसके पीछे
उड़ते बादल पर बैठकर
औरतें हैं हम 
धात्रियाँ संतानों की 
दुनिया के वारिसों की
हम जानती हैं करना अंतर
आकारों में दिन और रात में
अलग कर सकती हैं हम 
इंद्रधनुष के रंग
हम जानती हैं सम्भालना 
एक ढहती हुई आत्मा को 
जानती हैं प्यार करना 
एक सोचने वाले दिल को 
हम जानती हैं भिड़ जाना 
और सीधा करना टेढों को 
बागबानी करते हुए
सँवारना दुनिया को ।
--- Marra Lanot (हिंदी अनुवाद : Su Jata)
No comments:
Post a Comment