कभी वे चाँद पर
जाने की बात करते हैं
कभी बाघों के
दर्शन के लिए
अभयारण्य की सैर
सिर्फ़ हत्या
और बलात्कार पर
कुछ नहीं कहते
वह तो आये दिन का
कारोबार है
उस पर क्या कहना ?
एक ट्रक आयेगा
इंसाफ़ की उम्मीदों को
कुचलता चला जायेगा
आप इस ट्रक पर बैठ सकें
तो चाँद की
सैर कर सकते हैं
अभयारण्य की भी
---पंकज चतुर्वेदी
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