किसी पार्टी का मुखिया भी नहीं
न ही टैक्सी ड्राइवर
प्रचार में लगा मार्केटिंग वाला भी नहीं
मैं बस इतना चाहता था
कि शहर की सबसे ऊँची जगह पर खड़ा होकर
नीचे ठसाठस इमारतों के बीच उस औरत का घर देखूँ
जिससे मैं प्यार करता हूँ
इसलिए मैं बाँधकाम मज़दूर बन गया।
---सबीर हका
अनुवाद - गीत चतुर्वेदी
साभार- कविताकोश
साभार- कविताकोश
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