5 दिसंबर 2021

मैं फिर कहता हूँ

मैं फिर कहता हूँ
धर्म नहीं रहेगा, तो कुछ नहीं रहेगा -
मगर मेरी
कोई नहीं सुनता!
हस्तिनापुर में सुनने का रिवाज नहीं -

जो सुनते हैं
बहरे हैं या
अनसुनी करने के लिए
नियुक्त किए गए हैं

मैं फिर कहता हूँ
धर्म नहीं रहेगा, तो कुछ नहीं रहेगा -
मगर मेरी
कोई नहीं सुनता
तब सुनो या मत सुनो
हस्तिनापुर के निवासियो! होशियार!

हस्तिनापुर में
तुम्हारा एक शत्रु पल रहा है, विचार -
और याद रखो
आजकल महामारी की तरह फैल जाता है
विचार।

--- श्रीकांत वर्मा

1 टिप्पणी:

  1. तुम्हारा एक शत्रु पल रहा है, विचार -
    और याद रखो
    आजकल महामारी की तरह फैल जाता है
    विचार।... वाह!
    कड़वा सच।

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