Dec 6, 2025

हिंदू मुस्लिम करने वाले देश के दुश्मन

उजले कपड़े, मन के काले देश के दुश्मन
हिंदू मुस्लिम करने वाले देश के दुश्मन

दूर दूर तक देख न पाने की मजबूरी
हिलते से आंखों के जाले देश के दुश्मन

बंद पड़े दरवाज़े, आख़िर कैसे खोलें
ज़हनों पर लटके से ताले देश के दुश्मन

ज़हर भरा सा राग लिये अपने होठों पर
बहुत बेसुरे, ये बेताले देश के दुश्मन

एक बार फिर चिता पे रोटी सेंक रहे हैं
बहते से नफ़रत के नाले देश के दुश्मन

दो पग चलना मुश्किल, बोलें तो क्या बोलें
पैरों और ज़बान के छाले देश के दुश्मन

देखो जमकर करें सियासत संकट में भी
तरह तरह के गड़बड़झाले देश के दुश्मन

फ़सल वोट की, रक्त सनी धरती की छाती
खादी पहने ये परकाले देश के दुश्मन

मां का आंचल तार तार करने में आगे
भारत मां के ये रखवाले देश के दुश्मन

धज्जी धज्जी उड़ा रहे हैं मर्यादा की
राम नाम के ये मतवाले देश के दुश्मन

बड़ी आपदा इनकी ख़ातिर अवसर जैसी
बड़े अनोखे बड़े निराले देश के दुश्मन

--- यश मालवीय

No comments:

Post a Comment