Dec 15, 2025
BORDERS
Dec 10, 2025
खेले मसाने में होरी दिगम्बर
भुत पिसाच बटोरी दिगंबर खेले मसाने में होरी,
लखि सूंदर फागुनी झता के,
मन से रंग गुलाल हटा के,
चिता बसम की झोरी दिगंबर खेले मसाने में होरी,
नाचत गावत डमरू धारी,
छोडत सर पे गर्ल पिचकारी,
बीते प्रेत थपोरी दिगंबर खेले मसाने में होरी,
भुत नाथ की मंगल होरी,
देख सिहाये ब्रिज की छोरी,
धन धन नाथ अगोहरी,
दिगंबर खेले मसाने में होरी,
गोप न गोपी श्याम न राधा,
ना कोई रोक न कोहनू वाधा
न साजन न गोरी, दिगंबर खेले मसाने में होरी |
Dec 6, 2025
हिंदू मुस्लिम करने वाले देश के दुश्मन
हिंदू मुस्लिम करने वाले देश के दुश्मन
दूर दूर तक देख न पाने की मजबूरी
हिलते से आंखों के जाले देश के दुश्मन
बंद पड़े दरवाज़े, आख़िर कैसे खोलें
ज़हनों पर लटके से ताले देश के दुश्मन
ज़हर भरा सा राग लिये अपने होठों पर
बहुत बेसुरे, ये बेताले देश के दुश्मन
एक बार फिर चिता पे रोटी सेंक रहे हैं
बहते से नफ़रत के नाले देश के दुश्मन
दो पग चलना मुश्किल, बोलें तो क्या बोलें
पैरों और ज़बान के छाले देश के दुश्मन
तरह तरह के गड़बड़झाले देश के दुश्मन
फ़सल वोट की, रक्त सनी धरती की छाती
खादी पहने ये परकाले देश के दुश्मन
मां का आंचल तार तार करने में आगे
भारत मां के ये रखवाले देश के दुश्मन
राम नाम के ये मतवाले देश के दुश्मन
बड़ी आपदा इनकी ख़ातिर अवसर जैसी
बड़े अनोखे बड़े निराले देश के दुश्मन
--- यश मालवीय
Dec 2, 2025
Ame ni mo Makezu
Kaze ni mo makezu
Yuki ni mo natsu no atsusa ni mo makenu
Joubu na karada wo mochi
Yoku wa naku
Kesshite ikarazu
Itsumo shizuka ni waratte iru
Ichinichi ni genmai yon gou to
Miso to sukoshi no yasai wo tabe
Arayuru koto wo
Jibun wo kanjou ni irezuni
Yoku miki kishi wakari
Soshite wasurezu
Nohara no matsu no hayashi no kage no
Chiisana kayabuki no koya ni ite
Higashi ni byouki no kodomo areba
Itte kanbyou shite yari
Nishi ni tsukareta haha areba
Itte sono ine no taba wo oi
Minami ni shinisou na hito areba
Itte kowagaranakute mo ii to ii
Kita ni kenka ya soshou areba
Tsumaranai kara yamero to ii
Hideri no toki wa namida wo nagashi
Samusa no natsu wa orooro aruki
Minna ni dekunobou to yobare
Homerare mo sezu
Kuni mo sarezu
Sou iu mono ni
Watashi wa naritai
***
Be not defeated by the rain,
Nor let the wind prove your better.
Succumb not to the snows of winter,
Nor be bested by the heat of summer.
Be strong in body,
Unfettered by desire,
Not enticed to anger.
Cultivate a quiet joy.
Count yourself last in everything,
Put others before you.
Watch well and listen closely.
Hold the learned lessons dear.
A thatch-roof house, in a meadow,
Nestled in a pine grove’s shade.
If, to the East, a child lies sick:
Go forth and nurse him to health.
If, to the West, an old lady stands exhausted:
Go forth, and relieve her of burden.
If, to the South, a man lies dying:
Go forth with words of courage to dispel his fear.
If, to the North, an argument or fight ensues:
Go forth and beg them stop such a waste of effort and of spirit.
In times of drought, shed tears of sympathy.
In summer’s cold, walk in concern and empathy.
Stand aloof of the unknowing masses:
Better dismissed as useless than flattered as a “Great Man”.
This is my goal, the person I strive to become.
--- Kenji Miyazawa in original Japanese text, with a popular English translation by David Sulz
Nov 26, 2025
इश्क़ जलाकर - Ishq Jalakar | Karvaan - Hindi Lyrics– Dhurandhar Movie
Nov 24, 2025
ये एक मेला है वादा किसी से क्या लेगा
अब इसके बाद मेरा इम्तेहान क्या लेगा
ये एक मेला है वादा किसी से क्या लेगा
ढलेगा दिन तो हर एक अपना रास्ता लेगा
मैं बुझ गया तो हमेशा को बुझ ही जाऊंगा
कोई चराग़ नहीं हूं जो फिर जला लेगा
कलेजा चाहिए दुश्मन से दुश्मनी के लिए
जो बे-अमल है वो बदला किसी से क्या लेगा
मैं उसका हो नहीं सकता बता न देना उसे
सुनेगा तो लकीरें हाथ की अपनी जला लेगा
हज़ार तोड़ के आ जाऊं उस से रिश्ता वसीम
मैं जानता हूं वो जब चाहेगा बुला लेगा
--- वसीम बरेलवी
Nov 20, 2025
सुभाषितानि - 4 (Subhashitani -4)
1. सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःखभाग् भवेत्॥
हिन्दी अर्थ: सब लोग सुखी हों, सब लोग स्वस्थ एवं निरोगी रहें। सबको शुभ फल प्राप्त हों, कोई भी दुःखी न हो।
2. अलस्यस्य कुतो विद्या? अविद्यस्य कुतो धनम्? अधनस्य कुतो मित्रम्? अमित्रस्य कुतः सुखम्॥
हिन्दी अर्थ: आलसी व्यक्ति को विद्या कहाँ? अनपढ़ को धन कहाँ? गरीब को मित्र कहाँ? और जिसका मित्र नहीं है, उसे सुख कहाँ?
3. विद्या ददाति विनयम्, विनयाद् याति पात्रता। पात्रत्वात् धनमाप्नोति, धनात् धर्मः ततः सुखम्॥
हिन्दी अर्थ: विद्या से विनय मिलता है, विनय से योग्य बनने की शक्ति मिलती है। पात्रता से धन मिलता है, धन से धर्म, और धर्म से सुख की प्राप्ति होती है।
4. पुस्तकस्था तु या विद्या, परहस्तगतं धनम्। कार्यकाले समुपस्थिते, न सा विद्या न तत् धनम्॥
हिन्दी अर्थ: जो विद्या केवल पुस्तकों में है, जैसा धन जो केवल दूसरों के पास है, वह दोनों आवश्यकता के समय काम नहीं आते।
5. परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः, परोपकाराय वहन्ति नद्यः। परोपकाराय दुहन्ति गावः, परोपकारार्थमिदं शरीरम्॥
हिन्दी अर्थ: वृक्ष फल दूसरों के लिए देते हैं, नदियाँ दूसरों के लिए अपना जल बहाती हैं, गायें दूसरों के लिए दूध देती हैं, मनुष्य का शरीर भी दूसरों की भलाई के लिए होना चाहिए।
6. अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च। धर्मेणैव जीवितं हि लोकः सुखमास्थितः।
हिन्दी अर्थ: अहिंसा ही परम धर्म है, परंतु यदि धर्म की रक्षा के लिए हिंसा आवश्यक हो तो वह भी धर्म के अन्तर्गत आती है। इससे जीवन का सही अर्थ और संसार का संतुलन समझ आता है।
7. अर्थस्य निश्चयो दृष्टो विचारेण हितोक्तितः । न स्नानेन न दानेन प्राणायाम शतेन वा ॥
हिंदी अर्थ: विवेकपूर्ण विचार-मनन और हितकारी उपदेशों के द्वारा ही तत्त्वज्ञान की निश्चयात्मक प्राप्ति होती है। केवल स्नान करने से, दान देने से अथवा सैकड़ों प्राणायाम करने से आत्मज्ञान प्राप्त नहीं होता.
Nov 18, 2025
सुभाषितानि - 3 (Subhashitani -3)
1. क्षणशः कणशश्चैव विद्यामर्थं च साधयेत्। क्षणत्यागे कुतो विद्या कणत्यागे कुतो धनम्॥
अर्थ : हर क्षण और हर छोटे से छोटे कण का ध्यान रखकर विद्या और धन का अर्जन करना चाहिए। अगर समय या संसाधन व्यर्थ जाते हैं तो विद्या या धन कैसे प्राप्त होंगे?
2. शरणागतः कर्णाक्षैव विद्यामर्थं च चिन्तयेत्। शरण्यागः कुलो विद्या कुलन्यागः कुलो धनम॥
अर्थ : जो व्यक्ति शरण में आता है, उसे विद्या और धन के बारे में चिन्ता करनी चाहिए। कुल (वंश) की प्रतिष्ठा विद्या और धन से होती है।
3. प्रथमे नार्जिता विद्या द्वितीये नार्जितं धनम्। तृतीयं नार्जितं पुण्यं चतुर्थं किं करिष्यति॥
अर्थ : पहले विद्या, फिर धन और फिर पुण्य अर्जित करो। यदि पहले तीनों नहीं, तो चौथे में क्या होगा?
4. सर्वदीव्यमभी माता सर्वदीव्यम पिता। मातरं पितरं तस्मात् सर्वदेव्यं पूजयेत्॥
अर्थ : सब देवताओं में माता और पिता सर्वोच्च हैं, इसलिए उनका सम्मान करना चाहिए।
5. प्रियवाच्पवादेन सर्वं दुर्व्ययं जनतः। तस्मात्तव वचस्य कच्चति च दरिद्रता॥
अर्थ : प्रिय वार्ता से भी अपकार होता है। इसलिए जरूरी है कि अपने शब्दों का सावधानी से प्रयोग करें।
6. "सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम्। प्रियं च नानृतं ब्रूयात् एष धर्मः सनातनः॥"
अर्थ : हमेशा सच बोलो, परंतु ऐसा सच जो प्रिय हो। जो सत्य अप्रिय हो, उसे न कहो। साथ ही प्रिय बातें बोलो, पर झूठ नहीं।
Nov 16, 2025
सुभाषितानि -2 (Subhashitani -2)
1. अक्रोधेन जयेत्त्क्रोधम् असाधुं साधुना जयेत्। जयेत्त्कदर्यं दानेन जयेत्स्तेनं चातुतम्॥
अर्थ : गुस्से से क्रोध को हराया जा सकता है। बुरे मनुष्य को अच्छे मनुष्य से जीता जा सकता है। दान से लालच को हराया जा सकता है और सत्य बोलने से झूठ पर जीत होती है।
2. गच्छन् पिपीलिको याति योजनानां शतान्यपि। अगच्छन् वैनतेयोऽपि पदमेकं न गच्छति॥
अर्थ : चलती हुई चींटी सैकड़ों योजन की दूरी तय कर जाती है, परंतु न चलने वाला गरुड़ पक्षी भी एक कदम नहीं बढ़ा सकता। इससे यह सीख मिलती है कि निरंतर प्रयास से ही सफलता मिलती है, चाहे गति धीमी हो।
3. दिनान्ते च पिबेद् दुग्धं निशान्ते च पिबेत् पयः। भोजनान्ते च पिबेत् तक्रं किम् वैध्यस्य प्रयोजनम्॥
अर्थ : दिन के अंत में दूध पिए और रात के अंत में जल पिए। भोजन के अंत में दही पिए। ऐसे आहार से शरीर स्वस्थ रहता है, अन्यथा चिकित्सक (वैद्य) का कोई लाभ नहीं।
4. षड्दोषाः पुरुषेणेः हाथव्याः भूतमता। निद्रा तन्द्रा भयं क्रोधः आलस्यं दीर्घसूत्रता॥
अर्थ : मनुष्य को छह दोषों से बचना चाहिए, जो उसके विनाश के कारण हैं – नींद, सुस्ती, भय, क्रोध, आलस्य और बहुत लंबे समय तक निरंतर विचार करना।
5. निन्दन्तु नीतिनिपुणा यदि वा स्तुवन्तु लक्ष्मीः समाविशतु गच्छतु वा यथेष्टम्।
अधेव वा मरणमस्तु युगान्तरे वा न्याय्यात् पथः प्रविचलन्ति पदं न धीरा:॥
अर्थ : जो लोग नीति में पारंगत हैं, चाहे उनका कोई भी निंदा करें या स्तुति, लक्ष्मी (श्री, समृद्धि) उनका साथ देती है या नहीं, चलो, मर जाना बेहतर है। क्योंकि जो धीर पुरुष सत्य और न्याय के मार्ग पर चलते हैं, उनका कभी पद भी नहीं हिलता।
Nov 14, 2025
सुभाषितानि - 1 (Subhashitani -1)
१. अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥
हिन्दी अर्थ: यह मेरा है, वह पराया है - यह सोच संकीर्ण चित्त वाले लोगों की है। उदार हृदय वाले लोगों के लिए तो पूरा विश्व ही एक परिवार है।
२. सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम्। एतद् विद्यात् समासेन लक्षणं सुखदुःखयोः॥
हिन्दी अर्थ: दूसरों पर निर्भर रहना दुख का कारण है; अपने अधिकार में रहना ही सुख है। सुख-दुख की यही पहचान है।
३. वृथा वृद्धि: समुद्रेऽपि वृथा तृप्तस्य भोजनम्। वृथा दानं समर्थस्य वृथा दीपो दिवापि च॥
हिन्दी अर्थ: समुद्र में अनावश्यक वृद्धि (पानी डालना) व्यर्थ है, संतुष्ट व्यक्ति को भोजन देना भी व्यर्थ है; सम्पन्न व्यक्ति को दान देना और दिन के उजाले में दीप जलाना भी व्यर्थ है।
४. काव्यशास्त्रविनोदेन् काले गच्छति धीमताम्। व्यसनेन तु मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा॥
हिन्दी अर्थ: समझदार लोग अपना समय काव्य, शास्त्र और विद्या में लगाते हैं। मूर्ख लोग अपना समय व्यसनों, नींद और झगड़ों में गँवा देते हैं।
५. महान्तं प्रायः सद्बुद्धेः संयोजनं लघुजनम्। यत्रास्ति सूचिकार्पः कृपाण: किं करिष्यति॥
हिन्दी अर्थ: जहां बुद्धि, सद्बुद्धि (विवेक) और महापुरुषों का संग होता है, वहीं महानता आती है। सुई में अगर तलवार की धार लगा दी जाए, तो भी वह तलवार का काम नहीं कर सकती।
६. किं कुलेन विशालेन विद्याहीनस्य देहिनः। विद्यावान् पूज्यते लोके नाविध्य: परिपूज्यते॥
हिन्दी अर्थ: बड़े कुल (परिवार) में जन्म लेने का क्या लाभ, अगर मनुष्य में विद्या नहीं है। संसार में विद्वान् की ही पूजा होती है, अविद्वान् की नहीं।
७. वेशेन वपुषा वाचा विद्यया विनयेन च। वकारैः पञ्चाभिजुक्तो नरो भवति पूजितः॥
हिन्दी अर्थ: वेश (वस्त्र), शरीर, वाणी, विद्या और विनय - ये पांच 'व' गुण जिस मनुष्य में होते हैं, वही समाज में सम्मान पाता है।
Nov 9, 2025
Comrade poets!
Comrade poets!
We're in a new world
What's past is dead, who writes a poem
In the age of wind and the atom
Creates prophets!
Our verses
Have no colour
No taste
No sound
If they do not carry the lantern
From house to house!
And if the "simple" cannot understand our poems
Better for us to shed them
And resort to silence
If only these words were
A plough in the hands of a peasant
A shirt, a door, a key
If only these words were!
A poet says
If my poems please my friends
And anger my enemies
Then I'm a poet.
And I shall speak!
Nov 6, 2025
बुद्ध भगवान
अमीरों के ड्राइंगरूम,
रईसों के मकान
तुम्हारे चित्र, तुम्हारी मूर्ति से शोभायमान।
पर वे हैं तुम्हारे दर्शन से अनभिज्ञ,
तुम्हारे विचारों से अनजान,
सपने में भी उन्हें इसका नहीं आता ध्यान।
--- हरिवंश राय 'बच्चन'
Nov 3, 2025
The Physics of Love
질량의 크기는 부피와 비례하지 않는다
제비꽃같이 조그마한 그 계집애가
꽃잎같이 하늘거리는 그 계집애가
지구보다 더 큰 질량으로 나를 끌어당긴다.
순간, 나는
뉴턴의 사과처럼
사정없이 그녀에게로 굴러 떨어졌다
쿵 소리를 내며, 쿵쿵 소리를 내며
심장이
하늘에서땅까지
아찔한 진자운동을 계속하였다
첫사랑이었다.
The Physics of Love
Mass is not proportional to volume.
That girl as small as a violet,
that girl who floats like a petal
pulls me toward her with a force
greater than the Earth’s mass.
In an instant,
like Newton’s apple,
I dropped with a thump
and rolled to her
without stopping.
Thump. Thump.
My dizzy heart kept swinging
between Heaven and Earth—
it was my first love.
--- Kim In-yook with English translation by David Bowles.
This poem became very popular after it was featured in the Korean drama "Goblin" (Guardian: The Great and Lonely God). It describes love using simple physics ideas.
Oct 31, 2025
15 बेहतरीन शेर - 18 !!!
2. रहता है सिर्फ एक ही कमरे में आदमी उसका गुरूर रहता है बाकी मकान में। - महशर अफरीदी
3. उसके फ़रोग़-ए-हुस्न से झमके है सब में नूर, शमा-ए-हरम हो या कि दिया सोमनाथ का - मीर
4. अब्र था कि ख़ुशबू था, कुछ ज़रूर था एक शख़्स, हाथ भी नहीं आया, पास भी रहा एक शख़्स - ज़फ़र गोरखपुरी
5. ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहीं, याद हम आएँगे दुनिया को हवालों की तरह - सुदर्शन फ़ाक़िर
6. जिन की यादें हैं अभी दिल में निशानी की तरह, वो हमें भूल गए एक कहानी की तरह -वाली आसी
7. काबिल तो हैं कामयाब़ भी हो जाएंगे, ये ज़ुगनू ही एक दिन, आफ़ताब हो ज़ाएंगे। - ~प्रह्लाद पाठक
8. हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र किया, हमपर किसी खुदा की इनायत नहीं रही। - दुष्यंत कुमार
9. कम हैं सिपाही फ़ौज में सरदार बहुत हैं, यह जंग हार जाने के आसार बहुत हैं - अज्ञात
10. इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई, हम न सोए रात थक कर सो गई - -राही मासूम रज़ा
11. तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी, अब हर ऐब के लिए कसूरवार इश्क़ तो नहीं..! - अज्ञात
12. बच्चों की फ़ीस उन की किताबें क़लम दवात, मेरी ग़रीब आँखों में स्कूल चुभ गया - मुनव्वर राना
13. अपने बच्चों को मैं बातों में लगा लेता हूं, जब भी आवाज़ लगाता है खिलौने वाला -राशिद राही
14. आने वाले जाने वाले हर ज़माने के लिए आदमी मज़दूर है राहें बनाने के लिए -हफ़ीज़ जालंधरी
15. कुचल कुचल के न फ़ुटपाथ को चलो इतना, यहाँ पे रात को मज़दूर ख़्वाब देखते हैं - अहमद सलमान
Oct 27, 2025
आनेवाला ख़तरा
कहीं से ले आओ वह दिमाग़
जो ख़ुशामद आदतन नहीं करता
जो अपने बदले में कुछ नहीं माँगती
और उसे एक बार आँख से आँख मिलाने दो
जल्दी कर डालो कि फलते-फूलनेवाले हैं लोग
औरतें पिएँगी आदमी खाएँगे—रमेश
एक दिन इसी तरह आएगा—रमेश
कि किसी की कोई राय न रह जाएगी—रमेश
क्रोध होगा पर विरोध न होगा
अर्ज़ियों के सिवाय—रमेश
ख़तरा होगा ख़तरे की घंटी होगी
और उसे बादशाह बजाएगा—रमेश
--- रघुवीर सहाय
Oct 24, 2025
ENOUGH FOR ME
be buried in her
to melt and vanish into her soil
then sprout forth as a flower
played with by a child from my country.
Enough for me to remain
in my country’s embrace
to be in her close as a handful of dust
a sprig of grass
a flower.
--- Fadwa Tuqan
Oct 21, 2025
IF I MUST DIE
If I must die,
you must live
to tell my story
to sell my things
to buy a piece of cloth
and some strings,
(make it white with a long tail)
so that a child, somewhere in Gaza
while looking heaven in the eye
awaiting his dad who left in a blaze—
and bid no one farewell
not even to his flesh
not even to himself—
sees the kite, my kite you made, flying up above
and thinks for a moment an angel is there
bringing back love
If I must die
let it bring hope
let it be a tale.
--- Refaat Alareer
Oct 17, 2025
Krvava Bajka (A Bloody Fairytale)
Oct 14, 2025
Discover the Ancient Christian Prayer "Kandisa" in Aramaic
Kandisa Song Lyrics (Aramaic)
Kandisa Alahaye, Kandisa Esana
Aalam Balam Aalam, Aamenu Aamen
Sliha Mar Yose, Almaduba Kudisa
Aangen Dhanusa, Nehave Dukharana
Kandisa Alaha, Kandisa Esana,
Kandisa La Ma Yosa Isaraha Malem
Aalam Balam Aalam, Aamenu Aamen
Sliha Mar Yose, Almaduba Kudisa
Aangen Dhanusa, Nehave Dukharana
English Translation
Holy God, Holy Mighty One
Forever and ever, Amen Amen
Apostle St. Joseph, on your Holy Altar
Have mercy, remember us
Holy God, Holy Mighty One
Holy Immortal One, have mercy on us
Forever and ever, Amen Amen
Apostle St. Joseph, on your Holy Altar
Have mercy, remember us.
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Kandisa is an ancient prayer sung in Aramaic, the language closely related to what Jesus and his disciples spoke. The word "Kandisa" means "Holy," "Holy Praise," or "Divine Praise." It is still chanted today in the Syriac Orthodox Church and the Syro-Malabar Catholic Church, particularly by the Syrian Malabar Nasrani Christians of Kerala, India. These Christians trace their origins to Jewish Christian converts in the earliest days of Christianity and have preserved some of the ancient traditions and prayers like Kandisa.
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Indian Ocean band from India with their song "Kandisa," brought an ancient Aramaic prayer into a contemporary music setting, blending traditional spiritual chant with modern fusion music.
Oct 13, 2025
Sayat-Nova’s poetry featured in "The Color of Pomegranates,
Original Armenian
"Indzi sirun ashkharh, im gair, indzi dzyuner, im dushman,
Indzi mtatsel indzi gzavor, indzi yev voch indz uzum."
English translation:
"My tears are blood because of thee, my reason is o’erthrown.
A young vine in the garden fresh thou art to me, my fair,
Enshrined in greenness, and set round with roses everywhere.
I, like the love-lorn nightingale, would hover over thee.
A landscape of delight and love, my queen, thou art to me!"
--- The Color of Pomegranates" (Armenia) is inspired by Sayat-Nova’s verses, in the original text and translation in English.
