हर तरफ हुस्न है, जवानी है, आज की रात क्या सुहानी है
रेशमी जिस्म तरथराते है, मरमरी ख्वाब गुनगुनाते है
धड़कानों में सुरूर फैला है, रंग नज़दीक-ओ-डोर फैला है
दावता-ये-इश्क दे रही हैं फज़ा
आज हो जा किसी हसीन पे फिदा
के मोहब्बत बड़े काम की चीज़ हैं काम की
मोहब्बत के दम से हैं दुनियाँ की रौनक
मोहब्बत ना होती तो कुच्छ भी ना होता
नज़र और दिल की पनाहों की खातिर
ये जन्नत ना होती तो कुच्छ भी ना होता
यही एक आराम की चीज़ है
किताबों में छपते हैं चाहत के किससे
हक़ीकत की दुनियाँ में चाहत नहीं है
जमाने के बाजार में ये वो शे है
के जिस की किसी को ज़रूरत नहीं है
ये बेकार, बेदाम की चीज़ है
ये कुदरत के आराम की चीज़ है
ये बस नाम ही नाम की चीज़ है
मोहब्बत से इतना खफा होनेवाले
चल आ आज तुझे को मोहब्बत सीखा दे
तेरा दिल जो बरसों से वीरान पड़ा हैं
किसी नाज़नीनान को इस में बसा दे
मेरा मशवरा काम की चीज़ है.
---Lyricist :Saahir Ludhiyanvi
Singer :Lata Mangeshkar - Kishor Kumar - Yeshudaas
Music Director :Khayyam
Movie :Trishul - 1978
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