5 दिसंबर 2021

मैं फिर कहता हूँ

मैं फिर कहता हूँ
धर्म नहीं रहेगा, तो कुछ नहीं रहेगा -
मगर मेरी
कोई नहीं सुनता!
हस्तिनापुर में सुनने का रिवाज नहीं -

जो सुनते हैं
बहरे हैं या
अनसुनी करने के लिए
नियुक्त किए गए हैं

मैं फिर कहता हूँ
धर्म नहीं रहेगा, तो कुछ नहीं रहेगा -
मगर मेरी
कोई नहीं सुनता
तब सुनो या मत सुनो
हस्तिनापुर के निवासियो! होशियार!

हस्तिनापुर में
तुम्हारा एक शत्रु पल रहा है, विचार -
और याद रखो
आजकल महामारी की तरह फैल जाता है
विचार।

--- श्रीकांत वर्मा

29 नवंबर 2021

Without Mercy

There is a sweet music,
but its sweetness fails to console you.
This is what the days have taught you:
in every long war
there is a soldier, with a distracted face and ordinary teeth,
who sits outside his tent
holding his bright-sounding harmonica
which he has carefully protected from the dust and blood,
and like a bird
uninvolved in the conflict,
he sings to himself
a love song
that does not lie.

For a moment,
he feels embarrassed at what the moonlight might think:
what’s the use of a harmonica in hell?

A shadow approaches,
then more shadows.
His fellow soldiers, one after the other,
join him in his song.
The singer takes the whole regiment with him
to Romeo’s balcony,
and from there,
without thinking,
without mercy,
without doubt,
they will resume the killing!

--- Mourid Barghouti (translation: Radwa Ashour)

24 नवंबर 2021

'करियर का चुनाव'

मैं कभी साधारण बैंक कर्मचारी नहीं बन सकता था खाने-पीने के सामानों का सेल्समैन भी नहीं
किसी पार्टी का मुखिया भी नहीं
न ही टैक्सी ड्राइवर
प्रचार में लगा मार्केटिंग वाला भी नहीं

मैं बस इतना चाहता था
कि शहर की सबसे ऊँची जगह पर खड़ा होकर
नीचे ठसाठस इमारतों के बीच उस औरत का घर देखूँ
जिससे मैं प्यार करता हूँ
इसलिए मैं बाँधकाम मज़दूर बन गया।

अनुवाद - गीत चतुर्वेदी
साभार- कविताकोश

18 नवंबर 2021

I am happy living simply

I am happy living simply:
like a clock, or a calendar.
Worldly pilgrim, thin,
wise—as any creature. To know

the spirit is my beloved. To come to things—swift
as a ray of light, or a look.
To live as I write: spare—the way
God asks me—and friends do not.

--- Marina Tsvetaeva

14 नवंबर 2021

Sidewalk Ends

There is a place where the sidewalk ends
and before the street begins,
and there the grass grows soft and white,
and there the sun burns crimson bright,
and there the moon-bird rests from his flight
to cool in the peppermint wind.

Let us leave this place where the smoke blows black
and the dark street winds and bends.
Past the pits where the asphalt flowers grow
we shall walk with a walk that is measured and slow
and watch where the chalk-white arrows go
to the place where the sidewalk ends.

Yes we'll walk with a walk that is measured and slow,
and we'll go where the chalk-white arrows go,
for the children, they mark, and the children, they know,
the place where the sidewalk ends.

--- Shel Silverstein

10 नवंबर 2021

सूरज हूँ ज़िंदगी की रमक़ छोड़ जाऊँगा

सूरज हूँ ज़िंदगी की रमक़ छोड़ जाऊँगा
मैं डूब भी गया तो शफ़क़ छोड़ जाऊँगा

तारीख़-ए-कर्बला-ए-सुख़न! देखना कि मैं
ख़ून-ए-जिगर से लिख के वरक़ छोड़ जाऊँगा

इक रौशनी की मौत मरूँगा ज़मीन पर
जीने का इस जहान में हक़ छोड़ जाऊँगा

रोएँगे मेरी याद में महर ओ मह ओ नुजूम
इन आइनों में अक्स-ए-क़लक़ छोड़ जाऊँगा

वो ओस के दरख़्त लगाऊँगा जा-ब-जा
हर बूँद में लहू की रमक़ छोड़ जाऊँगा

गुज़रूँगा शहर-ए-संग से जब आइना लिए
चेहरे खुले दरीचों में फ़क़ छोड़ जाऊँगा

पहुँचूँगा सेहन-ए-बाग़ में शबनम-रुतों के साथ
सूखे हुए गुलों में अरक़ छोड़ जाऊँगा

हर-सू लगेंगे मुझ से सदाक़त के इश्तिहार
हर-सू मोहब्बतों के सबक़ छोड़ जाऊँगा

'साजिद' गुलाब-चाल चलूँगा रविश रविश
धरती पे गुल्सितान-ए-शफ़क़ छोड़ जाऊँगा

---इक़बाल साजिद

3 नवंबर 2021

शोषक भैया

डरो मत शोषक भैया: पी लो
मेरा रक्त ताज़ा है, मीठा है हृद्य है 
पी लो  शोषक भैया: डरो मत। 

 शायद तुम्हें पचे नहीं-- अपना मेदा तुम देखो, मेरा क्या दोष है। 
 मेरा रक्त मीठा तो है, पर पतला या हल्का भी हो 
 इसका ज़िम्मा तो मैं नहीं ले सकता, शोषक भैया? 
 जैसे कि सागर की लहर सुन्दर हो, यह तो ठीक, 
 पर यह आश्वासन तो नहीं दे सकती कि किनारे को लील नहीं लेगी 

 डरो मत शोषक भैय: मेरा रक्त ताज़ा है, 
 मेरी लहर भी ताज़ा और शक्तिशाली है।
 ताज़ा, जैसी भट्ठी में ढलते गए इस्पात की धार, 
 शक्तिशाली, जैसे तिसूल: और पानीदार। 
 पी लो, शोषक भैया: डरो मत। 

 मुझ से क्या डरना? 
 वह मैं नहीं, वह तो तुम्हारा-मेरा सम्बन्ध है जो तुम्हारा काल है
 शोषक भैया!