Poetry is untranslatable, like the whole art.
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 10 नवंबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
Aapko bahut bahut dhanyawad
Aapko bahut bahut dhanyawad aur shubeksha
सटीक
अपना अंतःकरण जब तक शुध्द न होगा तब बुध्द कहाँ दिखाई देंगे और जब अंतःकरण निर्मल निष्कलंक है , सर्वत्र बुध्द ही नजर आयेंगे । सार्थक सटीक अभिव्यक्ति ।
सही कहा ।
कटु सत्य
बहुत सुंदर
गागर में सागर
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 10 नवंबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
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ReplyDeleteसटीक
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ReplyDeleteसही कहा ।
Deleteकटु सत्य
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteगागर में सागर
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